वीर सुभाष तेरी जय हो ।
वीर सुभाष तेरी जय हो।
वीर सुभाष तेरी जय हो ।
उपकारी तेरी करनी
फूँक दिया था जो तूने
वह बिगुल क्रांति का जग में।
बसा लिया जो तूने
रंग तिरंगा रग रग में।
निकल पड़ा था तू जग में
करने भारत का उद्धार
आज़ाद कराने भारत को
करने मातृभूमि पर उपकार
तेरी उस कोशिश की जय हो ।
वीर सुभाष तेरी जय हो ।
अपनी पहचान छुपाकर के
तूने भारत का नाम किया ।
अपना जीवन त्याग कर
तूने भारत भविष्य रचा ।
अधीर हो उठी जनता
आज़ादी का यह रस्ता जचा ।
कर डाला तूने वो कमाल
जिसपर जग को विस्मय हो ।
वीर सुभाष तेरी जय हो ।
आज़ादी का यह रस्ता जचा ।
कर डाला तूने वो कमाल
जिसपर जग को विस्मय हो ।
वीर सुभाष तेरी जय हो ।
-रजत द्विवेदी
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