एक सलाम है उनको भी जो लड़ते रहे तूफानों से, देश प्रेम में मर मिटते, हैं अडिग खड़े चट्टानों से || १ || एक सलाम है उनको भी जो उपजे अन्न के दानों को, पर खुद भूखे हैं मर जाते, मैं करूँ नमन किसानों को || २ || एक सलाम है उनको भी जो भरे लफ़्ज़ों में आग प्रखर, हैं जान फूँकते शब्दों में, कवितायेँ जाती और निखर || ३ || एक सलाम है उनको भी जो गीत सुनाए जीवन का, मधुर प्रेम अनुराग लिए जो राह दिखाए जीने का|| ४ || एक सलाम है उनको भी गढ़े कहानी रूमानी, कहे लबों से ना कुछ भी, सब कह दें आँखें वो नूरानी || ५ || एक सलाम है उनको भी जो जिए ज़िन्दगी वीरों की, बीर बाँकुरे राम भगत आज़ाद जैसे रणधीरों की|| ६ || एक सलाम है उनको भी शेर-ए-बंगाल सुभाष था जो, गुमनामी में रहते थे, था दिया बड़ा बलिदान था जो|| ७ || एक सलाम है उनको भी उस राष्ट्रकवि दिनकर की जय, लिखी कुरुक्षेत्र जिसने, साहित्य जगत को हुआ विस्मय || ८ || एक सलाम है उनको भी जो भक्ति का देते परिचय, तुलसी,सूर,कबीर,रहीम,नानक,देवदत्त की जय|| ९ || एक सलाम है उनको भी जो सच्चे प्रेमी प्रीतम के, मीरा जैसा प्रेम करें और साथ सदा रहे प्रीतम
कलम की स्याही से हर पल नया अंगार लिखता हूँ