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Showing posts from January, 2016

सुनो ज़रा क्या कहते हैं................जब मैंने उनसे ये पूंछा ।

सुनो ज़रा क्या  कहते हैं................जब मैंने उनसे ये पूंछा । अजय खड़ा तू ढाल हिमालय किसकी रक्षा करता है ? नभचुम्भी हे भाल हिमालय किसकी गाथा गाता है ? शीशशिखर तू बना हुआ है सीना ताने खड़ा हुआ है। आखिर वह क्या है तू जिसका मान बढ़ाने अड़ा हुआ  है ? सुनो ज़रा क्या कहता है हिमराज जब मैंने ये पूंछा । मैं हिमराज हिमालय हूँ भारत के मस्तक की शोभा। मैं गिरिराज हिमालय हूँ भारतीय संस्कृति की आभा । मैं ढाल हिमालय  भारत का जो रक्षा करता सदियों से उस देवभूमि भारत की जो जगतगुरु है सदियों से । मैं हिमराज हिमालय हूँ जिसके निर्मल हिम पर्वत से बहती असंख्य अविरल नदियाँ। जो अपना शीतल पानी दे भारत को दान हैं करतीं जो जीवन की लिए  सुखदाई है जो भारत में कलकल बहकर समृद्ध सौहार्द लाई है । मैं बड़भागी हिमालय  हूँ जिस पर शंकर का आसन है मैं कैलाश हिमालय हूँ जिस पर शिव करते शासन हैं । सुनकर हिमराज की  यह वाणी जिसने  भारत कथा  बखानी मैं आगे बढ़ कर चला गया । चलते चलते जो  मुझे मिले वह अनुभव तुम्हें बताता  हूँ । मुझ जैसे मूरख राही को जो भारत का यह ज्ञान मिला सुखदाई गाथा  भ

वीर सुभाष तेरी जय हो ।

वीर  सुभाष  तेरी जय हो ।  वीर  सुभाष  तेरी जय हो। वीर  सुभाष  तेरी जय हो । उपकारी तेरी करनी  की कीरत यहाँ अजय हो । वीर  सुभाष  तेरी जय हो ।  फूँक दिया था जो  तूने  वह बिगुल क्रांति का जग में।   बसा लिया जो तूने  रंग तिरंगा रग  रग में।  निकल पड़ा  था तू जग में  करने भारत का  उद्धार आज़ाद  कराने  भारत को  करने मातृभूमि पर उपकार  तेरी उस कोशिश की जय हो ।  वीर  सुभाष  तेरी जय हो ।    अपनी  पहचान छुपाकर के  तूने भारत का नाम  किया ।  अपना जीवन त्याग कर  तूने भारत भविष्य रचा ।  अधीर हो उठी जनता आज़ादी का यह रस्ता जचा । कर डाला तूने वो कमाल जिसपर जग को विस्मय हो । वीर  सुभाष  तेरी जय हो । -रजत द्विवेदी 

हिंदी की जय हिंदुस्तान की जय

हिंदी की जय  हिंदुस्तान की जय  हिंदी की जय  हिंदुस्तान की जय भारत के सम्मान की जय भारत के पहचान की जय भारत में रहनेवाले  उस प्रत्येक इंसान की जय । हिंदी हमारी पहचान है हिंदी हमारा अभिमान है उस कभी कम होने वाले हमारे अभिमान की जय हिंदी की जय हिंदुस्तान की जय । हिमालय  से हिन्द महासागर तक जिस भाषा को सबने गाया कच्छ से तवान्ग तक जिस भाषा ने हमें सिखाया की भारत हमारी धरती है भारत के उस सुरीली आवाज़ की जय । यह एक स्वरि है यह सुगम सरल है यह सीधी है यह मीठी है यह भारत का मान है यह इतिहास का गायक है यह मेरी हिंदी भाषा है जिसकी विश्व भी कायल है हिंदी की जय हिंदुस्तान की जय । रामचरितमानस , गीता आदि जिस भाषा की देन हैं उस भाषा की सदा  हो जय विश्व भी उसका लोहा माने हिंदी भाषा हो विश्व विजय हिंदी की जय हिंदुस्तान की जय । -रजत द्विवेदी