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Showing posts from September, 2015

इंकलाब की जय

इंकलाब की जय जय जय इंकलाब की जय हे भारत माँ के लाल भगत तेरे प्रयास की जय। इंकलाब की जय जय जय इंकलाब की जय। कलम उठा कर जो तूने इतिहास का नया अध्याय लिखा देश के युवाओं को जगा जो तूने ये परोपकार किया तेरे मन में जगने वाले उस उपकारी आभास की जय। इंकलाब की जय जय जय इंकलाब की जय। तेरे स्वर से डर कर जब ब्रिटेन भी थर्रा उठा तेरे विस्फोटक चिंगारी से उनका सीना घबरा उठा। उस चिंगारी की लपटें जो खुद इंकलाब थी पुकारतीं । उन लपटों की हो सदा निरंतर रहे यहां पर कीर्ति अभय। इंकलाब की जय जय जय इंकलाब की जय। अपने जीवन को त्याग जो तूने भारत का उद्धार किया अपना नाम भुला तूने जो आजादी का प्रचार किया भारतवासी को जो तूने दिया उस इंकलाब के विश्वास की जय। इंकलाब की जय जय जय इंकलाब की जय। हम याद रखेंगे सदा तुझे जो तूने दिया बलिदान अभय तू सदा अमर था अमर रहेगा तेरी कीर्ति है अमर अजय। इंकलाब की जय जय जय इंकलाब की जय। -रजत द्विवेदी